Monday, April 12, 2010

फिर नहीं याद

जो भी दुःख याद ना था याद आया,
आज ना जानिये क्या याद आया

याद आया था बिछड़ना तेरा
फिर नहीं याद के क्या याद आया

हाथ उठाये थे के दिल बैठ गया
जाने क्या वख्त-ए- दुवा याद आया

जिस तरह धुंदमें लिपटे हुए फूल
इक इक नक्ष तेरा याद आया

ये मोहब्बत भी है क्या रोग 'फ़राज़'
जिस को भूले वो सदा याद आया

lyrics: Ahmed Faraz
Singer: Ghulam Ali
Album: (unknown)

(there is also another version of this ghazal sung by Hariharan in his album Hazir)

2 comments:

Siddhartha Joshi said...

nice man...for the first few lines, i thought u wrote it and was very impressed :)

bhavin said...

@sid: hahahahahaha... I wish to write like this... one day!!!
aamen...
;)